उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए फार्मर रजिस्ट्री को अनिवार्य कर दिया है। यह कदम किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने और सही किसानों तक योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इस लेख में हम फार्मर रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया, इसके लाभ और इससे जुड़े जरूरी तथ्यों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
फार्मर रजिस्ट्री क्यों है जरूरी?
भारत सरकार की कई योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN), फसल बीमा योजना, और कृषि ऋण जैसी योजनाओं का लाभ केवल उन किसानों को मिलेगा, जिन्होंने फार्मर रजिस्ट्री पूरी कर ली है। यह प्रक्रिया सरकार को किसानों का सटीक डेटा एकत्रित करने और योजनाओं को सही व्यक्ति तक पहुंचाने में मदद करती है।
इसके अलावा, रजिस्ट्री की मदद से किसानों के बीच भूमि विवादों को निपटाने, एक ही किसान के नाम से जुड़े रिकॉर्ड को व्यवस्थित करने और कृषि में तकनीकी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य को भी पूरा किया जा सकता है।
घर बैठे फार्मर रजिस्ट्री कैसे करें?
अब किसानों को रजिस्ट्री के लिए लंबी लाइनों में खड़े होने की जरूरत नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाया है। किसान निम्नलिखित तरीकों से अपनी फार्मर रजिस्ट्री कर सकते हैं:
1. पंचायत भवन में कैंप के माध्यम से रजिस्ट्री
- किसानों को अपने नजदीकी पंचायत भवन में आयोजित कैंप में जाना होगा।
- यहां राजस्व विभाग की टीम किसानों की व्यक्तिगत और भूमि संबंधित जानकारी एकत्रित करेगी।
2. केंद्र सरकार के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन
- किसान केंद्र सरकार के पोर्टल https://upfr.agristack.gov.in पर जाकर अपनी जानकारी भर सकते हैं।
- पोर्टल पर आवश्यक विवरण जैसे नाम, पिता का नाम, भूमि का विवरण, और अन्य जानकारी दर्ज करनी होगी।
3. मोबाइल ऐप का उपयोग
- किसान ‘Farmer Registry UP’ नामक मोबाइल ऐप डाउनलोड करके अपनी रजिस्ट्री कर सकते हैं।
- यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और इसमें चरणबद्ध तरीके से जानकारी भरने का विकल्प है।
4. जन सुविधा केंद्र के माध्यम से रजिस्ट्री
- जिन किसानों को डिजिटल प्रक्रिया में समस्या होती है, वे नजदीकी जन सुविधा केंद्र पर जाकर फार्म भर सकते हैं।
- इसके लिए एक निर्धारित शुल्क लिया जाएगा।
फार्मर रजिस्ट्री से क्या लाभ होगा?
1. सरकारी योजनाओं का लाभ
फार्मर रजिस्ट्री पूरी करने के बाद किसान निम्न योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं:
- प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि
- फसल बीमा योजना
- कृषि ऋण
- खाद, बीज और कृषि उपकरणों पर सब्सिडी
2. भूमि विवादों का समाधान
रजिस्ट्री से किसानों के भूमि रिकॉर्ड एक जगह एकत्रित होंगे, जिससे भूमि विवादों को सुलझाने में आसानी होगी।
3. कृषि संबंधी तकनीकी सहायता
रजिस्ट्री डेटा का उपयोग किसानों को नई तकनीकी जानकारी, उन्नत बीज और खेती में उपयोगी अन्य संसाधन प्रदान करने में किया जाएगा।
4. भविष्य के लिए योजनाएं बनाने में सहायक
केंद्र और राज्य सरकारें रजिस्ट्री के डेटा का उपयोग करके किसानों के लिए नई योजनाएं बना सकेंगी।
फार्मर रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज
रजिस्ट्री प्रक्रिया के दौरान किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज जमा करने होंगे:
- आधार कार्ड
- भूमि रिकॉर्ड की प्रतिलिपि
- बैंक खाता विवरण
- मोबाइल नंबर
फार्मर रजिस्ट्री से जुड़े आंकड़े
यूपी सरकार के आंकड़ों के अनुसार, मंडल के करीब 8 लाख किसानों में से 7,71,623 किसान पहले से ही पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ उठा रहे हैं।
- बांदा: 2,64,402 किसान
- चित्रकूट: 1,58,094 किसान
- हमीरपुर: 2,00,543 किसान
- महोबा: 1,48,584 किसान
किसानों के लिए सुझाव
- रजिस्ट्री प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करें, ताकि आप सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर उठा सकें।
- सभी दस्तावेज सही और अपडेटेड रखें।
- किसी भी प्रकार की समस्या होने पर पंचायत भवन या जन सुविधा केंद्र से संपर्क करें।
निष्कर्ष
फार्मर रजिस्ट्री उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल किसानों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने में मदद करेगा, बल्कि कृषि क्षेत्र में तकनीकी और आर्थिक सुधार भी लाएगा। किसान इस प्रक्रिया को जितनी जल्दी पूरी करेंगे, उतना ही अधिक लाभ उन्हें मिलेगा।
घर बैठे ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से इस कार्य को पूरा करें और खेती को और अधिक उन्नत और सुविधाजनक बनाएं।
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