झारखंड ई उपार्जन 2024 | E-Uparjan Jharkhand List, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, भुगतान, लॉगिन, ऑफलाइन आवेदन फॉर्म डाउनलोड

झारखंड ई उपार्जन 2024 | E-Uparjan Jharkhand List, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, भुगतान, लॉगिन, ऑफलाइन आवेदन फॉर्म डाउनलोड

Uncategorized

झारखंड ई-उपार्जन 2024: किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने और सरकारी खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से झारखंड सरकार ने “ई-उपार्जन” पोर्टल की शुरुआत की है। यह प्लेटफ़ॉर्म किसानों को उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसल बेचने की सुविधा प्रदान करता है और कृषि उत्पादों की खरीद प्रक्रिया को डिजिटलीकरण कर भ्रष्टाचार कम करता है। इस लेख में हम इस पोर्टल का विस्तृत विवरण देंगे, जिसमें किसानों की पात्रता, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया, भुगतान, लॉगिन एवं विभिन्न सेवाओं का उपयोग शामिल है।

ई-उपार्जन का अर्थ है “इलेक्ट्रॉनिक खरीद।” यह प्रणाली सरकार और किसानों के बीच पारदर्शिता और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करती है। पहले, किसानों को अपनी फसल बेचने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था और सही दाम नहीं मिल पाता था। लेकिन अब ई-उपार्जन प्लेटफ़ॉर्म से किसान अपनी फसल सरकार को MSP पर बेच सकते हैं और बैंक खातों में सीधा भुगतान प्राप्त कर सकते हैं। यह पहल विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के किसानों के लिए वरदान साबित हुई है, जहाँ जानकारी और संसाधनों की कमी अक्सर उन्हें बिचौलियों के शोषण का शिकार बना देती थी। 2025 तक, इस प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाने का लक्ष्य है ताकि राज्य के हर कोने तक इसका लाभ पहुँच सके।

योजना का नाम झारखंड ई-उपार्जन पोर्टल
किसने शुरू किया झारखंड सरकार
उद्देश्य क्या है किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाना, सरकारी खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना, भ्रष्टाचार कम करना।
शुरुआत कब हुई (2024 में सक्रिय, उद्देश्य 2025 तक विस्तार)
Official Website uparjan.jharkhand.gov.in

ई-उपार्जन: उद्देश्य और किसानों के लिए इसके लाभ

झारखंड ई-उपार्जन पोर्टल का मुख्य उद्देश्य राज्य की कृषि व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव लाना है। इसके प्रमुख उद्देश्य और किसानों को मिलने वाले लाभ निम्नलिखित हैं:

  • पारदर्शिता: खरीद प्रक्रिया को डिजिटल बनाने से भ्रष्टाचार में कमी आती है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसानों को सही मूल्य मिले। पहले, कई बार किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ता था और प्रक्रिया में अस्पष्टता के कारण वे ठगे जाते थे। अब सब कुछ ऑनलाइन होने से यह समस्या काफी हद तक समाप्त हो गई है।
  • सीधा भुगतान: किसानों को उनके बैंक खातों में सीधा भुगतान किया जाता है, जिससे वित्तीय धोखाधड़ी का जोखिम कम होता है। यह प्रणाली बिचौलियों को पूरी तरह से हटा देती है, जिससे किसान को उसकी फसल का पूरा दाम सीधे तौर पर मिलता है। 2025 में, भुगतान की गति और सत्यापन प्रक्रिया को और भी तेज़ बनाने पर जोर दिया जा रहा है।
  • न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP): MSP पर फसलों की खरीद किसानों को बाजार के उतार-चढ़ाव से सुरक्षित रखती है। यह सुनिश्चित करता है कि किसानों को अपनी मेहनत का वाजिब दाम मिले, भले ही बाजार में कीमतें गिर जाएँ। इससे किसानों को अगले फसल चक्र की योजना बनाने में भी मदद मिलती है।
  • डेटा संग्रह और नीति निर्माण: फसल उत्पादन डेटा एकत्र करने से नीति निर्माण में सहायता मिलती है। सरकार को पता चलता है कि किस क्षेत्र में किस फसल की कितनी पैदावार हुई, जिससे भविष्य की कृषि नीतियों और सब्सिडी योजनाओं को बेहतर ढंग से तैयार किया जा सकता है। यह सटीक डेटा कृषि क्षेत्र के विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
  • सुलभता: किसान घर बैठे रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं और बिना किसी परेशानी के बिक्री कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट पहुँच और डिजिटल साक्षरता बढ़ने के साथ, यह पोर्टल किसानों के लिए एक सहज उपकरण बन गया है। वे अपने मोबाइल या CSC (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से भी इन सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
  • हानि में कमी: समय पर खरीद और उचित मूल्य निर्धारण से कटाई के बाद होने वाली फसल हानि (post-harvest loss) कम होती है, क्योंकि किसान अपनी उपज को जल्दी बेच पाते हैं और उसे लंबे समय तक स्टोर करने की चिंता नहीं रहती।
  • किसानों का सशक्तिकरण: यह पोर्टल किसानों को एक मजबूत स्थिति में लाता है, जहाँ वे अपनी शर्तों पर अपनी उपज बेच सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत होती है।

ई-उपार्जन के लिए पात्रता मानदंड और आवश्यक दस्तावेज़

ई-उपार्जन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के लिए निम्नलिखित योग्यताएं और दस्तावेज़ आवश्यक हैं। इन मापदंडों को पूरा करने वाले किसान ही इस योजना का लाभ उठा सकते हैं:

  • आवेदक को झारखंड राज्य का स्थायी निवासी होना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करता है कि योजना का लाभ स्थानीय किसानों को ही मिले।
  • केवल वास्तविक किसान नागरिक ही रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। यह दुरुपयोग को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण मानदंड है।
  • आवश्यक दस्तावेज़:
    • आधार कार्ड: पहचान और सत्यापन के लिए अनिवार्य।
    • निवास प्रमाण पत्र: झारखंड का स्थायी निवासी होने का प्रमाण।
    • आय प्रमाण पत्र: कुछ योजनाओं में आय संबंधी जानकारी आवश्यक हो सकती है।
    • बैंक पासबुक: सीधा भुगतान प्राप्त करने के लिए बैंक खाते का विवरण।
    • भूमि दस्तावेज़ (खसरा, खतौनी, लगान रसीद): अपनी कृषि भूमि का स्वामित्व या खेती का प्रमाण।
    • मोबाइल नंबर: पंजीकरण और ओटीपी आधारित सत्यापन के लिए आवश्यक।
    • पासपोर्ट साइज फोटो: पहचान के लिए।

झारखंड ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया

ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकरण करना एक सरल प्रक्रिया है, जिसे किसान घर बैठे या किसी नजदीकी CSC केंद्र से पूरा कर सकते हैं। 2025 के लिए भी यह प्रक्रिया सुगम बनी हुई है:

  1. वेबसाइट पर जाएं: सबसे पहले, झारखंड ई-उपार्जन पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट (uparjan.jharkhand.gov.in) पर विजिट करें।
  2. किसान पंजीकरण का विकल्प चुनें: होमपेज पर या मेन्यू में “किसान पंजीकरण” या “किसान रजिस्ट्रेशन” का विकल्प दिखाई देगा, उस पर क्लिक करें।
  3. फॉर्म भरें: नए पेज पर पंजीकरण फॉर्म खुलेगा। इसमें मांगी गई सभी जानकारी ध्यानपूर्वक और सही-सही भरें, जैसे कि आपका जिला, निकटतम MSP केंद्र, आपका पूरा नाम, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, और एक नया पासवर्ड बनाएं।
  4. दस्तावेज़ अपलोड करें: मांगे गए सभी आवश्यक दस्तावेज़ों की स्कैन की हुई प्रतियां (जैसे आधार, बैंक पासबुक, भूमि दस्तावेज़) अपलोड करें। सुनिश्चित करें कि फाइल साइज और फॉर्मेट सही हो।
  5. जानकारी सबमिट करें: सभी जानकारी भरने और दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद, “सबमिट करें” या “रजिस्टर करें” बटन पर क्लिक करें। सफल पंजीकरण के बाद आपको एक रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त होगा, जिसे भविष्य के संदर्भ के लिए सुरक्षित रखें। इस नंबर का उपयोग फसल जमा करने और अन्य सेवाओं के लिए किया जा सकता है।

पंजीकृत किसानों के लिए लॉगिन विधि

जो किसान पोर्टल पर पंजीकरण कर चुके हैं, वे निम्नलिखित स्टेप्स का पालन करके लॉगिन कर सकते हैं और अपनी व्यक्तिगत जानकारी या फसल विवरण अपडेट कर सकते हैं:

  • वेबसाइट पर जाएं: झारखंड ई-उपार्जन की वेबसाइट पर वापस जाएं।
  • लॉगिन ऑप्शन चुनें: होमपेज पर “किसान लॉगिन” या “Farmer Login” पर क्लिक करें।
  • प्रमाण-पत्र दर्ज करें: अपना पंजीकृत ईमेल/मोबाइल नंबर और जो पासवर्ड आपने पंजीकरण के समय बनाया था, उसे दर्ज करें।
  • डैशबोर्ड: सफल लॉगिन करने के बाद किसान अपने व्यक्तिगत डैशबोर्ड पर पहुँच जाएंगे। यहाँ वे अपना डेटा देख सकते हैं, फसल विवरण अपडेट कर सकते हैं, बिक्री का इतिहास जाँच सकते हैं और भुगतान की स्थिति देख सकते हैं।

अपनी किसान सूची ऑनलाइन कैसे देखें?

ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों की सूची देखना भी काफी आसान है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है:

  1. ऑनलाइन सेवा चुनें: होम पेज पर “ऑनलाइन सेवा” या “Online Services” सेक्शन में जाएं।
  2. किसान सूची विकल्प: “किसान सूची” या “Farmer List” विकल्प पर क्लिक करें।
  3. जानकारी भरें: अगले पेज पर आपको अपने क्षेत्र से संबंधित जानकारी जैसे जिला, ब्लॉक, पंचायत और ग्राम का चयन करना होगा।
  4. खोजें: सभी जानकारी भरने के बाद “खोजें” या “Search” बटन पर क्लिक करें। आपकी स्क्रीन पर चुने हुए क्षेत्र के पंजीकृत किसानों की सूची आ जाएगी।

भुगतान विवरण की स्थिति की जाँच करें

किसानों के लिए अपनी फसल की बिक्री के बाद भुगतान की स्थिति जानना महत्वपूर्ण होता है। भुगतान स्थिति की जानकारी पाने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें:

  1. भुगतान देखें: होम पेज पर “भुगतान देखें” या “View Payment” पर क्लिक करें।
  2. जानकारी दर्ज करें: भुगतान की स्थिति जानने के लिए आपको अपना किसान आईडी, आधार नंबर के अंतिम 4 अंक, या पंजीकृत मोबाइल नंबर में से कोई एक जानकारी दर्ज करनी होगी।
  3. खोजें: जानकारी भरने के बाद “खोजें” या “Search” पर क्लिक करें। आपकी स्क्रीन पर आपके भुगतान की वर्तमान स्थिति प्रदर्शित हो जाएगी, जिसमें भुगतान की राशि, तिथि और बैंक संदर्भ शामिल हो सकता है।

रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदलने की प्रक्रिया

यदि पोर्टल पर रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदलना चाहते हैं तो निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करें। यह सुविधा किसानों के लिए बहुत उपयोगी है, खासकर जब वे अपना नंबर बदल लेते हैं:

  1. मोबाइल संख्या बदलें: होम पेज पर “मोबाइल संख्या बदलें” या “Change Mobile Number” के विकल्प पर क्लिक करें।
  2. किसान आईडी भरें और प्रोफाइल एडिट करें: अपना किसान आईडी दर्ज करें और “Find” पर क्लिक करें। इससे आपकी प्रोफाइल जानकारी खुल जाएगी जहाँ आप बदलाव कर सकते हैं।
  3. नया मोबाइल नंबर दर्ज करें: नया मोबाइल नंबर दर्ज करें। आपके नए नंबर पर एक ओटीपी (OTP) भेजा जाएगा। इस ओटीपी को दर्ज करके नए नंबर की पुष्टि करें और “अपडेट” पर क्लिक करें। आपका मोबाइल नंबर सफलतापूर्वक अपडेट हो जाएगा।

झारखंड ई-उपार्जन की व्यापक कार्यप्रणाली और उसका प्रभाव

इस प्लेटफार्म की कार्यप्रणाली में किसान पंजीकरण से लेकर फसल की बिक्री और भुगतान की सभी प्रक्रियाएँ शामिल हैं। यह एक सुव्यवस्थित तंत्र है जो कृषि उत्पादों की खरीद को सरल बनाता है। इसके कुछ प्रमुख चरण और प्रभाव इस प्रकार हैं:

  1. पंजीकरण: किसान अपनी व्यक्तिगत, बैंक और भूमि संबंधी जानकारी के साथ पोर्टल पर पंजीकरण करते हैं। यह पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम है।
  2. सत्यापन: पंजीकृत किसानों की जानकारी संबंधित कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा सत्यापित की जाती है। यह सुनिश्चित करता है कि केवल वास्तविक और योग्य किसान ही इस प्रणाली का लाभ उठाएं।
  3. फसल सूचीकरण और घोषणा: किसान अपनी उगाही जाने वाली फसल की सूची पोर्टल पर दर्ज कर सकते हैं। सरकार समय-समय पर विभिन्न फसलों के लिए MSP और खरीद की घोषणा करती है।
  4. खरीद कार्यक्रम और स्लॉट बुकिंग: सरकार खरीद के समय और स्थान की घोषणा करती है। किसान अपनी सुविधा अनुसार खरीद केंद्र और समय के लिए स्लॉट बुक कर सकते हैं। यह व्यवस्था भीड़ को नियंत्रित करती है और समय बचाती है।
  5. विक्रय और भुगतान: किसान अपनी फसल निर्धारित केंद्रों पर लेकर जाते हैं। यहाँ गुणवत्ता चेक किया जाता है और वजन किया जाता है। सभी मापदंडों पर खरे उतरने के बाद, फसल की खरीद की जाती है और MSP पर भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में जमा किया जाता है।
  6. शिकायत निवारण: किसी भी समस्या या विसंगति के समाधान के लिए किसान पोर्टल के माध्यम से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। एक समर्पित शिकायत निवारण तंत्र यह सुनिश्चित करता है कि किसानों की समस्याओं का समय पर समाधान हो।

यह प्रणाली न केवल कृषि व्यापार में दक्षता लाती है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करती है। 2025 में, इसका लक्ष्य किसानों की संख्या और खरीदी गई उपज की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि करना है, जिससे झारखंड एक अग्रणी कृषि राज्य बन सके।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

ई-उपार्जन पोर्टल से संबंधित कुछ सामान्य प्रश्न और उनके उत्तर:

  1. ई-उपार्जन स्लॉट बुकिंग कैसे करें?
    फसल विक्रय या सरकारी योजनाओं में भाग लेने के लिए, आपको अपने डैशबोर्ड में लॉगिन करने के बाद “स्लॉट बुकिंग” विकल्प चुनना होगा। अपनी पसंद का केंद्र और समय चुनकर आप स्लॉट बुक कर सकते हैं।
  2. क्या ई-उपार्जन पंजीयन की कोई अंतिम तिथि होती है?
    आमतौर पर, फसल खरीद सीजन से पहले पंजीकरण की अंतिम तिथि घोषित की जाती है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक पोर्टल देखते रहें या स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क करें।
  3. मैं अपनी भुगतान स्थिति 23-24 के लिए कैसे जान सकता हूँ?
    पोर्टल पर “भुगतान देखें” अनुभाग में जाकर, आप अपनी किसान आईडी, आधार के अंतिम 4 अंक, या मोबाइल नंबर दर्ज करके पिछले सीजन (2023-24) सहित किसी भी सीजन के दौरान की गई बिक्री के लिए भुगतान स्थिति जान सकते हैं।
  4. ई-उपार्जन लॉगिन करने में समस्या आ रही है, क्या करूँ?
    यदि आप लॉगिन नहीं कर पा रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपने सही मोबाइल नंबर/ईमेल और पासवर्ड दर्ज किया है। यदि पासवर्ड भूल गए हैं, तो “पासवर्ड भूल गए” विकल्प का उपयोग करके इसे रीसेट कर सकते हैं। यदि समस्या बनी रहती है, तो हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
  5. किसान पंजीयन स्लॉट बुकिंग के लिए क्या प्रक्रिया है?
    पंजीकृत किसानों के लिए, यह सुविधा उन्हें अपनी फसल को सरकारी खरीद केंद्रों पर बेचने के लिए एक विशिष्ट तिथि और समय आरक्षित करने की अनुमति देती है। यह किसानों को अपनी सुविधा के अनुसार फसल बेचने की योजना बनाने में मदद करता है और केंद्रों पर अनावश्यक भीड़ से बचाता है।

(यह वीडियो केवल उदाहरणात्मक उद्देश्य के लिए है। झारखंड ई-उपार्जन से संबंधित वास्तविक वीडियो के लिए आधिकारिक सरकारी चैनलों को देखें।)

निष्कर्ष

झारखंड का ई-उपार्जन प्लेटफार्म राज्य के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है जो उन्हें पारदर्शी और सुलभ तरीके से उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने में मदद करता है। सीधे बैंक खातों में भुगतान, बिचौलियों की समाप्ति और सटीक डेटा संग्रह के कारण यह प्रणाली कृषि विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। 2025 और उसके बाद भी, यह पोर्टल झारखंड के कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने और किसानों की आय में वृद्धि करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह डिजिटल क्रांति ग्रामीण भारत में समृद्धि का नया अध्याय लिख रही है।

अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ ज़रूर शेयर करें।

Please Share This Article

euparjaninfo121

Related Posts

euparjaninfo121

बारिश की सीजन से पहले कर लें ये 7 जरूरी काम, वरना खराब हो सकती है फसल!

Read More

euparjaninfo121

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: बेमौसम बारिश में किसानों की उम्मीदों का सहारा

Read More

euparjaninfo121

AC वाले कमरे तक का सफर: एक किसान की संघर्ष से समृद्धि तक की कहानी

Read More

Leave a Comment

ई-उपार्जन | E-Uparjan

यह वेबसाइट एक निजी ब्लॉग है, जिसका उद्देश्य आपको सरकारी योजनाओं, फसल बीमा योजनाओं और अन्य लाभकारी योजनाओं की सटीक और सरल जानकारी प्रदान करना है।
यह सरकारी वेबसाइट नहीं है और किसी सरकारी विभाग से जुड़ा नहीं है। यहां दी गई जानकारी विश्वसनीय स्रोतों से ली जाती है, लेकिन योजना का लाभ लेने से पहले उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी अवश्य जांचें।
आपका विश्वास और संतोष हमारी प्रेरणा है।