परिचय: क्यों जरूरी है बारिश से पहले की तैयारी?
भारत में खेती का एक बड़ा हिस्सा मानसून पर निर्भर है। खरीफ की फसलें जैसे धान, मक्का, बाजरा, उड़द, मूंग आदि बारिश के समय बोई जाती हैं। लेकिन अगर बारिश शुरू होने से पहले कुछ जरूरी तैयारियाँ नहीं की गईं, तो फसल में नुकसान हो सकता है।
इस लेख में हम जानेंगे कि बारिश की सीजन से पहले किसानों को कौन-कौन से जरूरी काम करने चाहिए जिससे फसल बेहतर हो, उत्पादन अधिक हो और कमाई भी अच्छी हो।
1. खेत की गहरी जुताई करें
क्यों जरूरी है:
गहरी जुताई करने से मिट्टी में छिपे कीड़े-मकोड़े, बीमारियां और खरपतवार के बीज नष्ट हो जाते हैं। यह नमी को भी संचित करने में मदद करता है।
कैसे करें:
- ट्रैक्टर या हल की मदद से 6-8 इंच गहराई तक जुताई करें।
- मिट्टी को ढीला छोड़ें ताकि बारिश का पानी समा सके।
2. जल निकासी की व्यवस्था करें
क्यों जरूरी है:
बारिश के समय खेत में जलभराव होने से पौधों की जड़ें सड़ सकती हैं। इससे फसल की बर्बादी हो सकती है।
क्या करें:
- खेत के चारों ओर नाली बनाएं ताकि अतिरिक्त पानी बहकर निकल सके।
- लेवलिंग करें जिससे पानी एक जगह इकट्ठा न हो।
3. मिट्टी की जांच (सॉइल टेस्टिंग) कराएं
क्यों जरूरी है:
हर खेत की मिट्टी की उर्वरता अलग होती है। मिट्टी की जांच कराने से सही उर्वरक और पोषक तत्वों की जानकारी मिलती है।
कैसे कराएं:
- नजदीकी कृषि केंद्र या निजी लैब से सॉइल टेस्टिंग कराएं।
- रिपोर्ट के अनुसार उर्वरकों का इस्तेमाल करें।
4. बीज का चयन और उपचार करें
क्यों जरूरी है:
अच्छे और रोगमुक्त बीज ही अच्छी फसल की गारंटी होते हैं। बीज उपचार करने से बीज जनित बीमारियों से सुरक्षा मिलती है।
क्या करें:
- स्थानीय कृषि वैज्ञानिक या कृषि केंद्र से प्रमाणित बीज खरीदें।
- ट्राइकोडर्मा या कार्बेन्डाजिम से बीज को उपचारित करें।
5. जैविक खाद या कम्पोस्ट तैयार रखें
क्यों जरूरी है:
जैविक खाद से मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ती है और रासायनिक खाद की निर्भरता घटती है।
क्या करें:
- गोबर, फसल अवशेष, नीम खली से खाद तैयार करें।
- वर्मी कम्पोस्ट भी कारगर होता है।
6. खरीफ फसल का सही चयन करें
क्यों जरूरी है:
हर क्षेत्र की मिट्टी और जलवायु के अनुसार खरीफ फसल चुनना लाभदायक होता है।
क्या करें:
- अपने क्षेत्र के कृषि विभाग से जानकारी लें।
- जल-प्रबंधन और मिट्टी के अनुसार फसल का चयन करें।
7. कीट और रोग नियंत्रण के उपाय पहले से तैयार रखें
क्यों जरूरी है:
मानसून में नमी बढ़ने से कीट और रोगों का खतरा बढ़ जाता है। यदि पहले से दवा या जैविक उपाय रखें, तो नुकसान से बचा जा सकता है।
क्या करें:
- नीम का तेल, ट्राइकोडर्मा, बायोफंगस जैसे जैविक उपाय रखें।
- कृषि विशेषज्ञ से राय लेकर रासायनिक दवाइयाँ स्टॉक करें।
निष्कर्ष: समय रहते की गई तैयारी ही बेहतर उत्पादन की कुंजी है
खेती में समय का बहुत महत्व होता है। अगर बारिश से पहले सही योजना और तैयारी कर ली जाए, तो न सिर्फ लागत घटती है, बल्कि उत्पादन भी दोगुना हो सकता है। ऊपर दिए गए सात जरूरी कामों को अपनाकर किसान भाई अच्छी फसल की नींव रख सकते हैं।
अतिरिक्त सुझाव (Quick Tips)
- मौसम विभाग की भविष्यवाणी पर नजर रखें।
- सिंचाई स्रोत जैसे ट्यूबवेल या तालाब की सफाई कर लें।
- कृषि संबंधित मोबाइल ऐप्स जैसे ‘कृषक मित्र’, ‘IFFCO Kisan’, ‘कृषि ज्ञान’ का उपयोग करें।
- बीमा योजना जैसे PMFBY (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना) में पंजीकरण कराएं।
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